Success Story: पुणे से करीब 90 किलोमीटर दूर स्थित दौंड के रहने वाले समीर डोंबे Sameer Dombe ने वह कर दिखाया, जिसकी किसी को उम्मीद नहीं थी। मैकेनिकल इंजीनियरिंग में नौकरी छोड़कर उन्होंने अंजीर Fig की खेती में कदम रखा और आज सालाना 1.5 करोड़ रुपये का कारोबार खड़ा कर लिया है। पारंपरिक खेती को आधुनिक दृष्टिकोण के साथ अपनाते हुए समीर ने सुपरमार्केट और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स के जरिए अंजीर Fig बेचने का नया तरीका अपनाया। उनकी इस अनोखी पहल ने उन्हें सफलता की नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया।
समीर Sameer Dombe ने 40,000 रुपये महीने की नौकरी को छोड़कर खेती करने का साहसिक निर्णय लिया। हालांकि, उनके परिवार और दोस्तों ने उनके इस फैसले का विरोध किया। परिवार को डर था कि खेती में वह सफल नहीं होंगे और उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा पर असर पड़ेगा। लेकिन, समीर अपने फैसले पर अडिग रहे। उन्होंने अपने पारंपरिक व्यवसाय को आधुनिक तरीकों से आगे बढ़ाने की ठानी।
समीर Sameer Dombe के लिए खेती नई नहीं थी, क्योंकि उनका परिवार पहले से ही खेती करता था। उन्होंने 2.5 एकड़ जमीन में अंजीर की खेती शुरू की। बाजार में सीधे फल बेचने के बजाय उन्होंने अंजीर को 1 किलो के पैकेट में पैक कर सुपरमार्केट में बेचना शुरू किया। 'पवित्रक' ब्रांड के नाम से अंजीर बेचते हुए समीर ने पुणे, मुंबई, दिल्ली और बेंगलुरु जैसे बड़े शहरों में अपनी पहचान बनाई। ग्राहकों से सीधे जुड़ने के लिए उन्होंने पैकेट पर अपना संपर्क नंबर दिया, जिससे उन्हें बल्क ऑर्डर मिलने लगे।
जब लॉकडाउन के दौरान कई व्यवसाय ठप हो गए थे, तब भी समीर Sameer Dombe ने ऑनलाइन ऑर्डर के जरिए लाखों रुपये कमाए। उन्होंने वॉट्सऐप और अन्य ऑनलाइन माध्यमों से सीधे ग्राहकों तक पहुंच बनाई। इस दौरान उन्होंने 13 लाख रुपये का व्यापार किया।
दौंड क्षेत्र की भौगोलिक स्थितियां अंजीर की खेती के लिए आदर्श हैं। यहां की मिट्टी, जल निकासी और वाष्पीकरण स्तर अंजीर की बेहतर पैदावार सुनिश्चित करते हैं। समीर ने इस क्षेत्र की विशेषताओं का पूरा लाभ उठाया और अंजीर की खेती को एक नया आयाम दिया।
Gold Rate Today: नवीन वर्षाच्या पहिल्या दिवशी सोनं-चांदीच्या दरात काहीसा चढ-उतार दिसून आला आहे. 2024 च्या शेवटी सोनं आणि चांदीने चांगला परतावा दिला होता, आणि 2025 मध्येही आर्थिक धोरणांवर आणि फेडरल बँकेच्या निर्णयांवर सर्वांचे लक्ष राहणार आहे.
आज सकाळी मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) वर सोन्याच्या किंमतींमध्ये 440 रुपयांची घट दिसून आली, परंतु दिवसाच्या सुरुवातीला 78,800 रुपयांवर स्थिरावली आहे. मागील वर्षभरात सोन्याने 23.5 टक्क्यांची वाढ नोंदवली असून, सध्या ते 78,950 रुपये प्रति 10 ग्रॅमवर पोहोचलं आहे.
चांदीच्या किंमतींमध्येही काहीशी घट झाली असून, आज ती 89,700 रुपये प्रति किलोग्रॅमवर स्थिरावली आहे. मागील सत्रात चांदी 91,700 रुपयांवर होती, परंतु आज 2,000 रुपयांनी घट नोंदवली आहे.
1 ग्रॅम सोनं
8 ग्रॅम सोनं
RBI New Guidelines 2025: नवं वर्ष नेहमीच नवनवीन संधी आणि बदल घेऊन येतं. मात्र, यावर्षी सुरुवातीलाच बँक खातेदारांसाठी एक महत्त्वाचा बदल होणार आहे. रिझर्व्ह बँक ऑफ इंडिया (RBI) ने जाहीर केलेल्या नव्या मार्गदर्शक तत्त्वांनुसार, 1 जानेवारी 2025 पासून तीन प्रकारची बँक खाती बंद करण्यात येणार आहेत. याचा थेट परिणाम ग्राहकांच्या बँकिंग व्यवहारांवर होणार आहे.
बँकिंग व्यवस्थेतील सुरक्षितता वाढवण्यासाठी आणि डिजिटायझेशनला चालना देण्यासाठी आरबीआयने हे पाऊल उचलले आहे. या निर्णयामुळे इनएक्टिव खात्यांच्या गैरवापराला आळा बसेल, तसेच ग्राहकांची फसवणूक टाळली जाईल. बँकिंग व्यवस्थेतील रिस्क कमी करण्यासाठी आणि ग्राहकांना उत्तम सेवा देण्यासाठी हा बदल करण्यात आला आहे.
1. डोरमेंट अकाउंट्स
2. इनएक्टिव अकाउंट्स
3. झिरो बॅलन्स अकाउंट्स
आरबीआयच्या या निर्णयामुळे ग्राहकांनी आपली खाती सतर्कतेने व्यवस्थापित करणे आवश्यक आहे. या बदलांमुळे बँकिंग व्यवहार अधिक सुरक्षित आणि पारदर्शक होतील, तसेच फसवणुकीला आळा बसेल.
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Single Malt Whisky in India: भारतीय व्हिस्की (Indian Whisky) ने अपनी खास पहचान बना ली है। आज यह न सिर्फ देश में बल्कि दुनिया भर में पसंद की जा रही है। भारतीय व्हिस्की की डिमांड तेजी से बढ़ते हुए 60 देशों तक पहुंच चुकी है। घरेलू शराब निर्माता अब भारत में बनी सिंगल माल्ट व्हिस्की Single Malt Whisky के लिए अलग मानक तय करने की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं।
भारत में बनी सिंगल माल्ट व्हिस्की को कई प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुके हैं। इससे इसकी विश्वसनीयता और लोकप्रियता में इजाफा हुआ है। घरेलू शराब निर्माताओं की संस्था कनफेडरेशन ऑफ इंडियन अल्कोहलिक बेवरेज कंपनीज (CIABC) के मुताबिक, इस कदम से भारतीय सिंगल माल्ट व्हिस्की की शुद्धता और साख बनाए रखने में मदद मिलेगी।
भारतीय डिस्टिलर अपनी सिंगल माल्ट व्हिस्की के लिए जियोग्राफिकल इंडिकेशन (GI) दर्जा हासिल करने के प्रयास में हैं। इससे न केवल ब्रांड की पहचान मजबूत होगी बल्कि इसके मानकों को भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिलेगी।
भारत में सिंगल माल्ट व्हिस्की की मांग घरेलू बाजार में भी तेजी से बढ़ रही है। हालांकि, उद्योग को नए छोटे ब्रांड्स के उभरने से कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
CIABC के महानिदेशक अनंत एस अय्यर ने बताया कि भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) को भारतीय सिंगल माल्ट व्हिस्की के लिए अलग मानक तय करने चाहिए। उनका कहना है कि सिंगल माल्ट व्हिस्की का मतलब है कि यह केवल एक ही डिस्टिलरी से आनी चाहिए, न कि कई डिस्टिलरी से।
भारतीय सिंगल माल्ट व्हिस्की को शुद्धता और साख बनाए रखने के लिए एफएसएसएआई से नियमों में संशोधन की आवश्यकता है। इससे ऐसे ब्रांड्स को रोका जा सकेगा, जो उचित मानकों का पालन नहीं कर रहे हैं और खुद को भारतीय सिंगल माल्ट व्हिस्की होने का दावा कर रहे हैं।
Success Story: पिता की छोटी सी दुकान को 431 करोड़ के साम्राज्य में बदलने वाले भाविन पारेख की कहानी प्रेरणा से भरी है। यह कहानी बताती है कि दृढ़ निश्चय और मेहनत से कैसे एक साधारण व्यवसाय को एक बड़े ब्रांड में बदला जा सकता है।
भाविन पारेख ने 2011 में अहमदाबाद में अपने पिता की शर्ट की दुकान से ग्लोब टेक्सटाइल्स की शुरुआत की। मात्र 22 साल की उम्र में उन्होंने 10 लाख रुपये के शुरुआती निवेश से टेक्सटाइल कारोबार को एक नई दिशा दी। उनकी दूरदृष्टि और मेहनत ने इस छोटे से कारोबार को एक पब्लिक लिमिटेड कंपनी में बदल दिया, जो 2024 तक 431 करोड़ रुपये की हो गई।
भाविन के पिता सूर्यकांत पारेख की मलिक स्टोर्स नाम की एक दुकान थी, जो शर्ट और अन्य कपड़ों की रिटेल और होलसेल सप्लाई करती थी। भाविन ने इस छोटे से कारोबार को एक ब्रांड में तब्दील करने का सपना देखा और इसे हकीकत में बदला।
भाविन ने अपने करियर की शुरुआत 2011 में अहमदाबाद के खोखरा इलाके में एक 1000 वर्ग फुट की यूनिट से की। शुरुआत में उनके पास केवल पांच कर्मचारी थे। शर्ट के साथ उन्होंने निर्यात के लिए फैब्रिक और डेनिम उत्पादों का निर्माण शुरू किया। 2015 में रेडीमेड गारमेंट्स में कदम रखते हुए उन्होंने जैकेट, जींस और डेनिम शर्ट का उत्पादन शुरू किया।
आज, ग्लोब टेक्सटाइल्स की पांच बड़ी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स हैं, जो लगभग 3 लाख वर्ग फीट में फैली हुई हैं। कंपनी भारत और विदेशों में बड़े ब्रांड्स को गारमेंट्स सप्लाई करती है। भारतीय ग्राहकों में रिलायंस, बीइंग ह्यूमन, और जॉन प्लेयर्स जैसे ब्रांड्स शामिल हैं, जबकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वह जारा की मूल कंपनी इंडिटेक्स, स्प्लैश ग्रुप, और लैंडमार्क ग्रुप जैसे नामों के साथ काम करती है।
कंपनी में अब 1,500 कर्मचारी काम करते हैं, जो सेल्स, मैन्युफैक्चरिंग, मार्केटिंग और फाइनेंस जैसे विभागों में बंटे हुए हैं। भाविन पारेख कंपनी के CEO हैं और फाइनेंस व एडमिनिस्ट्रेशन देखते हैं। उनके भाई भाविक पारेख नए बाजारों और उत्पाद विकास को संभालते हैं।
भाविन ने मेलबर्न की स्विनबर्न यूनिवर्सिटी से BBA ऑनर्स की पढ़ाई की। उनके परिवार ने हमेशा उन्हें समर्थन दिया, जिससे वह अपने सपनों को साकार कर सके।
भाविन पारेख की यह कहानी बताती है कि सही योजना, मेहनत और धैर्य से किसी भी छोटे व्यवसाय को बड़े साम्राज्य में बदला जा सकता है। यह हर युवा उद्यमी के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
Success Story: स्वाति भार्गव Swati Bhargava ने हरियाणा के छोटे से शहर अंबाला से निकलकर अपने सपनों को साकार किया और 300 करोड़ रुपये का बिजनेस खड़ा कर सफलता की मिसाल कायम की है। स्वाति ने गोल्डमैन सैक्स जैसी प्रतिष्ठित कंपनी की नौकरी छोड़कर अपना स्टार्टअप शुरू किया, जिसे आज देशभर में पहचाना जाता है। उनके स्टार्टअप कैशकरो (CashKaro) को न केवल ग्राहकों का भरपूर समर्थन मिला, बल्कि उद्योगपति रतन टाटा का भी विश्वास हासिल हुआ। वित्तीय वर्ष 2023-24 में इस प्लेटफॉर्म ने 300 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया, और अब यह 500 करोड़ रुपये के लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है।
स्वाति का सफर अंबाला से शुरू हुआ। बचपन से ही पढ़ाई में उत्कृष्ट स्वाति को सिंगापुर में 11वीं और 12वीं कक्षा पूरी करने के लिए स्कॉलरशिप मिली। इसके बाद उन्होंने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स (LSE) में पढ़ाई की। एलएसई से स्नातक होने के बाद, स्वाति ने गोल्डमैन सैक्स में इन्वेस्टमेंट बैंकिंग में नौकरी शुरू की और पांच साल तक वहां काम किया। हालांकि, उनकी महत्वाकांक्षाएं केवल नौकरी तक सीमित नहीं थीं।
स्वाति और उनके पति रोहन भार्गव को CashKaro का विचार हनीमून के दौरान आया। ब्रिटेन में उन्होंने Quidco नाम की एक कैशबैक साइट का उपयोग किया और 10,000 रुपये का कैशबैक पाया। इसी अनुभव ने उन्हें भारत में ऐसा ही एक प्लेटफॉर्म शुरू करने की प्रेरणा दी। 2013 में दोनों ने भारत में कैशकरो की शुरुआत की, जो ग्राहकों को ऑनलाइन खरीदारी पर कैशबैक और कूपन की सुविधा प्रदान करता है।
CashKaro को बड़ा अवसर तब मिला जब रतन टाटा ने इस स्टार्टअप में निवेश किया। स्वाति ने मुंबई के ताज होटल में टाटा को अपना आइडिया प्रेजेंट किया। टाटा ने इसे सराहा और कहा, "एक ऐसे देश में जो पैसे बचाने को प्राथमिकता देता है, आप मुफ्त पैसे दे रहे हैं। इसमें पसंद न करने जैसा क्या है?" टाटा के निवेश से कैशकरो को नई पहचान और मजबूती मिली।
2023-24 तक, कैशकरो ने 300 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया। स्वाति का लक्ष्य इसे 500 करोड़ रुपये तक पहुंचाने का है। इसके अलावा, कंपनी जल्द ही आईपीओ लाने की तैयारी में है।
स्वाति भार्गव की कहानी न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि यह दिखाती है कि छोटे शहरों से निकलकर भी बड़ी उपलब्धियां हासिल की जा सकती हैं। उनका सफर मेहनत, दूरदृष्टि और सही फैसलों का एक उदाहरण है। आज कैशकरो एक बड़ा ब्रांड बन चुका है, और यह स्वाति की मेहनत और दृढ़ संकल्प का परिणाम है।
Today Gold Rate: मंगळवारी सोनं-चांदीच्या दरात घट झाल्याचे समोर आले आहे. आंतरराष्ट्रीय बाजारात सोनं $2,630वर पोहोचले होते. तसंच, MCX (मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज) वर सोन्याचा दर 76,300 रुपये प्रति 10 ग्रॅमच्या आसपास तर चांदी 89,300 रुपयांवर स्थिरावली आहे. डॉलर इंडेक्समध्ये पुन्हा मजबुती आल्याने तो 108वर पोहोचला आहे.
आज 24 कॅरेट सोन्याच्या दरात 100 रुपयांची घट झाली असून ते प्रतितोळा 77,350 रुपयांवर स्थिरावले आहे. लग्नसराईच्या दिवसांत सोन्याच्या दरातील घसरण ग्राहकांसाठी चांगली बातमी आहे. डिसेंबरपासून लग्नाचा हंगाम सुरू झाल्याने सोन्याच्या मागणीतही वाढ होत आहे.
22 कॅरेट सोन्याच्या दरात देखील 100 रुपयांची घट झाली असून ते 70,900 रुपयांवर स्थिरावले आहे. 18 कॅरेट सोन्याच्या दरात 80 रुपयांची घसरण होऊन तो 58,010 रुपयांवर पोहोचला आहे.
ग्रॅमनुसार किंमत
1 ग्रॅम सोनं:
मुंबई - पुणे सोन्याचे दर:
सोन्याच्या दरात सध्या होत असलेल्या या घसरणीचा उपयोग ग्राहकांनी लग्नसराईच्या खरेदीसाठी करून घ्यावा, अशी शिफारस करण्यात येत आहे.
Success Story: गुजरात के Yogin Sojitra ने एक इंस्टाग्राम रील देखकर अपनी जिंदगी का सबसे बड़ा फैसला लिया। उन्होंने भिंडी के अनोखे फायदों को समझा और इसके जरिए स्किन और हेयरकेयर ब्रांड 'Alara' की नींव रखी। 'अलारा' भारत के उन पहले ब्रांड्स में से एक है, जो भिंडी को मुख्य सामग्री के रूप में इस्तेमाल करता है।
Yogin Sojitra ने डेढ़ साल तक भिंडी के फायदों पर गहन रिसर्च की। उन्होंने पाया कि भिंडी का पानी त्वचा और बालों के लिए बेहद लाभदायक होता है। यह त्वचा को अंदर से निखारता है और बालों को मजबूत बनाता है। इसमें मौजूद विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट्स त्वचा को जवां बनाए रखने में मदद करते हैं।
हालांकि, उनका यह सफर आसान नहीं था। शुरू में उन्हें मार्केटिंग की चुनौतियों का सामना करना पड़ा। उनके दोस्त भी उन्हें 'भिंडी मास्टर' कहकर चिढ़ाने लगे थे। लेकिन Yogin Sojitra ने अपनी मेहनत जारी रखी और अपने लक्ष्य को पाने की ठानी।
Yogin Sojitra के ब्रांड 'Alara' का मतलब है 'पहली बारिश की पहली बूंद,' जो शुद्धता और ताजगी का प्रतीक है। उन्होंने अपनी बचत से 25 लाख रुपये निवेश करके नवंबर 2023 में अपने चचेरे भाई के साथ इस ब्रांड की शुरुआत की। अलारा के उत्पादों में ओकरा जेल, फेसवॉश और शैम्पू शामिल हैं, जिनकी कीमत 395 से 495 रुपये के बीच है।
मई 2024 में एक कार दुर्घटना में उनके चचेरे भाई और सह-संस्थापक का निधन हो गया। इस घटना ने योगिन को गहरा आघात पहुंचाया। लेकिन अहमदाबाद में एक स्टार्टअप एक्सपो में मिली सकारात्मक प्रतिक्रिया ने उन्हें दोबारा अपने स्टार्टअप को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित किया।
Alara का फोकस प्राकृतिक और वैज्ञानिक विधियों के मेल पर है। यह ग्राहकों को उत्पादों की पूरी पारदर्शिता प्रदान करता है, जिससे वे सभी सामग्रियों और उनके फायदों को जान सकें। ट्रायल पैक्स सिर्फ 99 रुपये में उपलब्ध हैं, ताकि लोग इन्हें आसानी से आज़मा सकें।
Yogin Sojitra का मानना है कि भिंडी जैसे साधारण सब्जी के गुणों को पहचानकर बेहतरीन और उपयोगी उत्पाद बनाए जा सकते हैं। उनका यह सफर प्रेरणादायक है और यह दिखाता है कि एक साधारण आइडिया भी आपकी जिंदगी बदल सकता है।
Bihar News: मुजफ्फरपुर जिले के सकरा थाना क्षेत्र स्थित चंदनपट्टी गांव में एक चौंकाने वाली घटना हुई। सातवीं कक्षा का एक छात्र अचानक करोड़पति बन गया, जब उसके बैंक खाते में 87 करोड़ रुपये जमा हो गए। यह अजीबो-गरीब घटना 18 दिसंबर 2024 को हुई। छात्र का बैंक खाता उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक के सकरा शाखा में था।
मामला जैसे ही सामने आया, यह खबर तेजी से फैल गई और पूरे गांव में चर्चा का विषय बन गई। हालांकि, कुछ ही समय बाद वह राशि खाते से गायब हो गई और खाते को फ्रीज कर दिया गया। इस घटना ने लोगों को चकित कर दिया, और अब बैंक अधिकारियों ने मामले की जांच शुरू करने का फैसला लिया है।
चंदनपट्टी गांव के मोहम्मद इस्लाम के बेटे के खाते में अचानक 87 करोड़ 65 लाख 43 हजार 210 रुपये आ गए। यह घटना तब हुई जब छात्र अपने परिवार के साथ इस बारे में बात कर रहा था। यह खबर पूरे गांव में फैल गई और सभी लोग हैरान रह गए। लेकिन फिर, अचानक सारे पैसे खाते से गायब हो गए और खाता फ्रीज कर दिया गया।
अविनाश कुमार, जो गांव के एक साइबर कैफे के मालिक हैं, ने बताया कि सुबह 11 बजे के आसपास एक 12 वर्षीय लड़का उनके पास आया और बैंक खाते में भेजे गए पैसे चेक करवाने आया। अविनाश ने जैसे ही खाते की बैलेंस चेक की, तो पाया कि 87 करोड़ रुपये जमा हैं। यह देखकर वह दंग रह गए और लड़के को यह जानकारी दी।
गांव के शेखर कुमार ने बताया कि मोहम्मद इस्लाम के बेटे के खाते में करोड़ों रुपये आए थे, लेकिन कुछ ही समय बाद पैसे गायब हो गए और खाता बंद कर दिया गया। लड़के का परिवार भी इस मामले में परेशान है, क्योंकि उन्हें अभी तक यह जानकारी नहीं मिल पाई कि पैसे कहां से और किसने भेजे थे।
इस घटना को लेकर स्थानीय अधिकारियों में हलचल मच गई है। एक अखबार के मुताबिक, बैंक शाखा के मैनेजर ने सवालों का जवाब देने से बचने के लिए अपना फोन बंद कर लिया। छात्र और उसके परिवार ने भी इस मामले में कोई बयान नहीं दिया है। चंदनपट्टी पंचायत के पूर्व मुखिया सोहन प्रसाद ने बताया कि छात्र जब सीएसपी से पैसे निकालने गया, तो वहां बैलेंस चेक करने पर 87 करोड़ रुपये दिखाई दिए। हालांकि, खाता बंद होने के कारण उस पैसे का कोई लेन-देन नहीं हो सका।
उत्तर बिहार क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक के चेयरमैन मोहम्मद सोहेल ने इस मामले पर बयान दिया कि उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि एक छात्र के खाते में इतनी बड़ी रकम कैसे पहुंची, इसकी पूरी जांच की जाएगी। जांच के बाद ही कोई निष्कर्ष पर पहुंचा जा सकेगा।
Maggi Noodles: मैगी एक ऐसा नाम जो हर उम्र के लोगों की पहली पसंद है। हल्की भूख लगने पर सबसे आसान और स्वादिष्ट विकल्प के रूप में मैगी ने भारतीय रसोई में खास जगह बनाई है। लेकिन, अगर आप भी मैगी खाने के शौकीन हैं, तो एक खबर आपके लिए चिंता का कारण बन सकती है। नेस्ले, जो मैगी की निर्माता कंपनी है, जल्द ही एक बड़ा फैसला ले सकती है।
खबर है कि मैगी की कीमत में बढ़ोतरी हो सकती है। कंपनी यह फैसला एक जनवरी से लागू कर सकती है। हालांकि, कीमत कितनी बढ़ेगी, इसका अभी खुलासा नहीं हुआ है। अगर ऐसा हुआ तो यह निर्णय मैगी लवर्स के लिए निराशाजनक साबित हो सकता है।
इस बदलाव के पीछे एक बड़ा आर्थिक और कूटनीतिक कारण है। स्विट्जरलैंड ने भारत के साथ अपने व्यापारिक संबंधों में एक बड़ा बदलाव किया है। हाल ही में, स्विट्जरलैंड ने नेस्ले के खिलाफ अदालती फैसले के बाद भारत का "सर्वाधिक तरजीही राष्ट्र" (Most Favored Nation - MFN) का दर्जा निलंबित कर दिया है। इसका सीधा असर भारत और स्विट्जरलैंड के बीच व्यापार पर पड़ेगा।
एमएफएन दर्जा खत्म होने के बाद भारतीय कंपनियों को स्विट्जरलैंड में अधिक टैक्स चुकाना होगा। पहले जहां 5% डिविडेंड टैक्स लगता था, अब इसे बढ़ाकर 10% कर दिया गया है। इस टैक्स बढ़ोतरी से भारतीय कंपनियों का मुनाफा कम होगा।
नेस्ले, जो स्विट्जरलैंड की कंपनी है, को भी भारत में अब ज्यादा टैक्स देना होगा। इससे नेस्ले के प्रोडक्ट्स की उत्पादन लागत बढ़ जाएगी। नतीजतन, कंपनी अपने मुनाफे की भरपाई के लिए मैगी समेत अन्य प्रोडक्ट्स की कीमतें बढ़ा सकती है।
नेस्ले के अन्य प्रोडक्ट्स जैसे किट कैट चॉकलेट, डेयरी प्रोडक्ट्स, बेबी फूड और आइसक्रीम की कीमतें भी बढ़ने की संभावना है। हालांकि, कंपनी ने अभी तक इस बढ़ोतरी की सटीक जानकारी नहीं दी है।
अगर मैगी की कीमत बढ़ती है, तो यह आपको थोड़ी निराश कर सकता है। हालांकि, आप घर पर कुछ अन्य इंस्टेंट नूडल्स ट्राई कर सकते हैं या मैगी का घर पर बना वर्जन तैयार कर सकते हैं। इसके अलावा, नेस्ले के इस फैसले पर नजर बनाए रखना जरूरी है, क्योंकि कंपनी कीमतों को लेकर जल्द ही घोषणा कर सकती है।
भारत और स्विट्जरलैंड के बीच यह नया टैक्स विवाद उपभोक्ताओं की जेब पर भारी पड़ सकता है। ऐसे में नए साल पर मैगी लवर्स को यह झटका सहना पड़ सकता है। अब देखना यह होगा कि नेस्ले अपने इस फैसले को कब लागू करती है और उपभोक्ताओं पर इसका कितना प्रभाव पड़ता है।
Success Story: कोलकाता की सहेली चटर्जी की कहानी उन लोगों के लिए प्रेरणा है, जो साधारण शुरुआत से असाधारण सफलता की उम्मीद रखते हैं। अपने पहले प्रोजेक्ट में मात्र 110 रुपये कमाने वाली सहेली आज सालाना 1.64 करोड़ रुपये की कमाई कर रही हैं। यह सफर उनके दृढ़ संकल्प, मेहनत और डिजिटल मार्केटिंग के गहरे ज्ञान का उदाहरण है।
18 साल की उम्र में सहेली ने अपना करियर शुरू किया। जहां कई युवा नामचीन संस्थानों में पढ़ाई का सपना देखते हैं, वहीं सहेली ने कंटेंट राइटिंग से डिजिटल करियर की नींव रखी। कोलकाता के बेथ्यून कॉलेज से आर्ट्स में ग्रेजुएशन करने के बाद उन्होंने खुद को लगातार नए स्किल्स से लैस किया। धीरे-धीरे कंटेंट राइटिंग से सोशल मीडिया मार्केटिंग और ब्रांडिंग में कदम रखते हुए उन्होंने अपनी एक अलग पहचान बनाई।
सहेली चटर्जी की एजेंसी, एम्बिफेम, उनकी दूरदर्शिता और काबिलियत का नतीजा है। यह डिजिटल मार्केटिंग एजेंसी खासतौर पर ब्रांड्स और व्यवसायों को सोशल मीडिया मार्केटिंग, लॉन्च मैनेजमेंट और परामर्श सेवाएं प्रदान करती है। एम्बिफेम का नाम ही महिलाओं की महत्वाकांक्षा और ताकत को दर्शाता है।
सहेली का डिजिटल साम्राज्य सिर्फ उनके लिए कमाई का जरिया नहीं है। उन्होंने दूसरों को भी डिजिटल दुनिया में कामयाब बनाने का जिम्मा उठाया। Freelance 101 Academy के माध्यम से वह फ्रीलांसरों को प्री-रिकॉर्डेड और लाइव सेशंस के जरिए डिजिटल मार्केटिंग, ब्रांडिंग और स्किल्स डेवलपमेंट सिखाती हैं।
सहेली चटर्जी खुद को 'आपकी मार्केटिंग गर्ल' कहती हैं। उनके सोशल मीडिया पर लाखों फॉलोअर्स हैं, जो उनकी अनकन्वेंशनल सोच और नवाचार को पसंद करते हैं। उनका मानना है कि उन्होंने जो कुछ भी सीखा, वह स्कूल या कॉलेज की शिक्षा से नहीं, बल्कि अनुभवों और अपने प्रयासों से सीखा।
कभी 110 रुपये से शुरू हुए सहेली के सफर ने आज उन्हें करोड़ों की कमाई और अनगिनत लोगों की प्रेरणा बना दिया है। उनकी कहानी न सिर्फ डिजिटल दुनिया में काम करने वालों के लिए, बल्कि हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणादायक है, जो अपने सपनों को हकीकत में बदलना चाहता है।
सहेली चटर्जी ने साबित कर दिया कि हुनर और लगन से हर लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है।
Success Story: मनोहर अय्यर, जो कभी एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर थे, ने अपनी कॉर्पोरेट नौकरी छोड़कर कोल्ड-प्रेस्ड तेल के बिजनेस में कदम रखा। उनकी कंपनी 'सप्तम' अब सालाना 10 करोड़ रुपये कमा रही है। 2019 में बेंगलुरु से शुरू हुई इस कंपनी ने 2023-24 में 5 लाख लीटर कच्ची घानी तेल का उत्पादन और बिक्री की। उनका लक्ष्य 2024-25 तक 25 करोड़ रुपये का राजस्व हासिल करना है। आइए जानते हैं, उनकी इस सफलता की कहानी।
यह सब 2014 में शुरू हुआ जब मनोहर ऑस्ट्रेलिया में काम कर रहे थे। उन्होंने देखा कि मूंगफली और मूंगफली के तेल की कीमतें लगभग समान थीं। इससे उन्हें इस बिजनेस का ख्याल आया। उन्होंने महसूस किया कि रिफाइंड तेल की तुलना में कोल्ड-प्रेस्ड तेल अधिक स्वास्थ्यवर्धक है, लेकिन इस पारंपरिक विधि को भुलाया जा रहा था।
2018 में मलेशिया में काम के दौरान मनोहर ने भारत लौटने का निर्णय लिया। अपने परिवार और दोस्तों के साथ बिजनेस आइडिया साझा किया। हालांकि, कई लोगों ने इसे जोखिम भरा बताया। लेकिन मनोहर ने अपनी 50 लाख रुपये की बचत से 'सप्तम फूड एंड बेवरेजेज' की शुरुआत की।
मनोहर ने पारंपरिक कच्ची घानी प्रक्रिया को आधुनिक तकनीक के साथ मिलाकर काम किया। इस विधि में बीजों को बिना गर्म किए तेल निकाला जाता है, जिससे इसके पोषक तत्व, एंटीऑक्सीडेंट और प्राकृतिक स्वाद बरकरार रहते हैं। 'सप्तम' ने मूंगफली, तिल, नारियल, कलोंजी और बादाम जैसे 14 प्रकार के कोल्ड-प्रेस्ड तेल लॉन्च किए।
सप्तम ने 2023-24 में 5 लाख लीटर तेल का उत्पादन किया और 10 करोड़ रुपये का कारोबार किया। कंपनी अब देशभर में कोल्ड-प्रेस्ड तेल की बढ़ती मांग को पूरा कर रही है।
मनोहर का लक्ष्य अगले दो सालों में कंपनी का टर्नओवर 25 करोड़ रुपये तक बढ़ाना है। वह इस उद्योग को पुनर्जीवित करने और अन्य उद्यमियों को प्रेरित करने के लिए काम कर रहे हैं।
Bank Fraud: दुनिया में बैंक फ्रॉड के कई मामले सामने आए हैं, लेकिन वियतनाम का 22,885 करोड़ रुपये का घोटाला अब तक का सबसे बड़ा माना जा रहा है। इस घोटाले की मास्टरमाइंड हैं वियतनाम की 68 वर्षीय महिला कारोबारी ट्रुओंग माई लैन। उन्हें बैंक फ्रॉड और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों में मौत की सजा सुनाई गई है।
माई का सफर बेहद साधारण रहा। वे अपनी मां के साथ ब्यूटी प्रोडक्ट्स बेचती थीं। 1986 में वियतनाम के आर्थिक सुधारों का फायदा उठाते हुए उन्होंने अपना कारोबार फैलाया। 1992 में माई ने वैन थिन्ह फाट (VTP) कंपनी की स्थापना की, जो जल्द ही वियतनाम के रियल एस्टेट सेक्टर में प्रमुख नाम बन गई।
मई 2022 में माई की गिरफ्तारी के बाद खुलासा हुआ कि उन्होंने साइगॉन कमर्शियल बैंक (SCB) को फर्जी शेल कंपनियों और बिचौलियों के जरिए कंट्रोल किया। माई ने 10 सालों में लगभग 12.5 बिलियन डॉलर के फर्जी लोन लिए, जो बढ़कर 27 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया। यह रकम वियतनाम की जीडीपी का लगभग 3% थी।
जांच में पता चला कि माई ने बैंक अधिकारियों को लगभग 5.2 मिलियन डॉलर रिश्वत दी, जो वियतनाम के इतिहास में सबसे बड़ी रिश्वत मानी जाती है। इस मामले में उनके पति, रिश्तेदारों और बैंक अधिकारियों सहित 85 लोगों पर केस दर्ज किया गया।
अप्रैल 2024 में कोर्ट ने माई को गबन, रिश्वतखोरी और बैंकिंग नियमों के उल्लंघन के लिए मौत की सजा दी। हालांकि, वियतनामी कानून के अनुसार यदि माई फ्रॉड की 75% रकम वापस करती हैं, तो उनकी सजा आजीवन कारावास में बदली जा सकती है।
यह घोटाला वियतनाम के आम नागरिकों और निवेशकों के लिए बड़ा झटका साबित हुआ। इसके चलते देश में व्यापक राजनीतिक प्रदर्शन भी हुए, जो इस मामले की गंभीरता को और बढ़ा देते हैं।
Village Business Ideas: आपण छोटे-मोठे व्यवसाय सुरू करून चांगली कमाई करू शकता, पण त्यासाठी जर आपल्याला निसर्गाच्या सान्निध्यात आरोग्य आणि धन दोन्ही मिळवायचं असेल, तर काही उत्तम व्यवसाय कल्पना आपल्या मार्गदर्शनासाठी आहेत. जर आपल्याला गावाकडे उद्योग सुरू करण्याची इच्छा असेल किंवा शहरातील दगदगीला टाकून शांततेत व्यवसाय सुरू करायचा असेल, तर आपल्याला खालील काही व्यवसाय कल्पना निश्चितच फायदेशीर ठरू शकतात.
सध्या डेअरी व्यवसाय हा सर्वाधिक चालणारा आणि फायदेशीर व्यवसाय आहे. गावात गायी आणि म्हशींचे पालन करून दूध आणि त्याचे इतर उत्पादन जसे दही, तूप, पनीर इत्यादी विकून चांगली कमाई होऊ शकते. हा व्यवसाय ग्रामीण भागात ग्राहकांना आपला एक ब्रँड बनवून वाढवता येऊ शकतो. डेअरी व्यवसाय सुरू करतांना गुणवत्ता आणि ब्रँड बिल्डिंग यावर लक्ष द्या, कारण ग्राहक गुणवत्ता पाहून अतिरिक्त पैसे मोजायला तयार असतात.
कपड्यांच्या व्यवसायात वाढती मागणी आणि ट्रेंडनुसार व्यवसायाची दिशा बदलत आहे. लोकल ब्रँड्स आणि फॅशनेबल कपड्यांचा व्यापारी यशस्वी होऊ शकतात. कपड्यांचा व्यवसाय सुरू करतांना तुम्हाला ट्रेंड्स, फॅशनची माहिती असणे आवश्यक आहे. स्थानिक मार्केट मध्ये छोट्या दुकानदारांसाठी जास्त संधी आहे. तुम्ही आपल्या नावाने एक ब्रँड सुरू करून फ्रँचायझी देऊ शकता.
गावातही आधुनिक रिटेल स्टोर्स सुरू करण्याची संधी आहे. मॉल्स आणि ब्रँड्स ग्रामीण भागात पोहचले आहेत. तुमच्या गावातील तालुका किंवा बाजारपेठेत रिटेल स्टोर सुरू करणे एक उत्तम व्यवसाय ठरू शकतो. विविध प्रकारच्या उत्पादने आणि वस्तूंचा विक्री करून तुम्ही उत्तम कमाई करू शकता.
उद्योग सुरू करण्याच्या टिप्स: उद्योग सुरू करतांना नियोजन, स्वयंशिस्त, आणि मेहनत खूप महत्त्वाची आहे. या व्यवसायांच्या कल्पनांमध्ये तुम्हाला प्रारंभापासून चांगली कमाई होईल. मात्र यासाठी योग्य ठिकाण, मार्केटिंग आणि ग्राहकांशी संबंध महत्वाचे असतात.
Success Story: छोटी शुरुआत से बड़ी कामयाबी हासिल करना संभव है, अगर जुनून और मेहनत हो। इस बात का जीता-जागता उदाहरण हैं हिमांशु चावला, शैरी सहगल, और सुमन पात्रा। इन तीन दोस्तों ने अपने दम पर ‘बेकिंगो’ (Bakingo) और ‘फ्लावर ओरा’ (Flower Aura) जैसी सफल कंपनियों को खड़ा किया।
कॉलेज की पढ़ाई खत्म करने के बाद, तीनों ने हरियाणा के गुरुग्राम में एक बिल्डिंग के बेसमेंट से केवल 2 लाख रुपये के शुरुआती निवेश के साथ अपना बिजनेस शुरू किया। उनके दृढ़ संकल्प और मेहनत ने आज बेकिंगो को 500 करोड़ रुपये की कंपनी में तब्दील कर दिया है।
एक समय बेसमेंट से शुरू हुई बेकिंगो आज 15 शहरों में 75 किचन के साथ काम कर रही है। यह कंपनी करीब 200 प्रकार के केक और डेज़र्ट तैयार करती है। नवंबर 2023 में, कंपनी ने 130 करोड़ रुपये की फंडिंग प्राप्त की, जो इसकी बढ़ती लोकप्रियता और सफलता का प्रमाण है।
बेकिंगो के ताजे और कस्टमाइज़्ड केक ग्राहकों के बीच बेहद लोकप्रिय हैं। यही वजह है कि यह कंपनी दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु जैसे बड़े शहरों के साथ-साथ पानीपत, करनाल और रोहतक जैसे छोटे शहरों में भी अपनी सेवाएं दे रही है।
तीनों दोस्तों ने अपनी पहली कंपनी ‘फ्लावर ओरा’ की शुरुआत 2010 में की। यह कंपनी ऑनलाइन फूल, केक और पर्सनलाइज्ड गिफ्ट्स की डिलीवरी करती थी। शुरुआती दिनों में चुनौतियां जरूर थीं, लेकिन वेलेंटाइन डे 2010 ने इनके बिजनेस को रफ्तार दी। हिमांशु ने उस दिन 50% ऑर्डर खुद डिलीवर किए। यहीं से उन्हें बेकरी डिलीवरी में कुछ नया और बेहतर करने का आइडिया आया।
फ्लावर ओरा की सफलता के बाद, 2016 में इन तीनों ने ‘बेकिंगो’ की शुरुआत की। उनका उद्देश्य ग्राहकों तक फ्रेश और वैरायटी भरे केक पहुंचाना था। इस विजन के साथ उन्होंने अपने प्रोडक्ट्स को बेहतर क्वालिटी और ज्यादा विकल्पों के साथ बाजार में उतारा।
हिमांशु, शैरी, और सुमन की कहानी इस बात का उदाहरण है कि सीमित संसाधनों से भी बड़ी उपलब्धियां हासिल की जा सकती हैं। यह कहानी हर उस युवा के लिए प्रेरणा है, जो अपने सपनों को साकार करने के लिए मेहनत और धैर्य को हथियार बनाना चाहता है।
Adani News: अडानी समूह को बड़ा झटका लगा है। कथित रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी के मामले में अमेरिकी अदालत ने गौतम अडानी और उनके भतीजे सागर अडानी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। रायटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, अदालत ने लगभग 2,029 करोड़ रुपये की रिश्वतखोरी के मामले में अडानी और सात अन्य लोगों को प्रथम दृष्टया दोषी पाया है।
गौतम अडानी और सागर अडानी पर आरोप है कि उन्होंने सोलर एनर्जी के प्रोजेक्ट्स हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को रिश्वत दी। अमेरिकी न्याय विभाग की उप सहायक अटॉर्नी जनरल लिसा एच मिलर ने अडानी समूह पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने प्रोजेक्ट्स प्राप्त करने के लिए साजिश रची और अधिकारियों को रिश्वत दी।
इससे पहले, अडानी समूह ने ग्रीन एनर्जी में बड़े निवेश की घोषणा की थी। लेकिन इस मामले के प्रकाश में आने के बाद समूह ने अमेरिका में 600 मिलियन डॉलर का बॉन्ड रद्द कर दिया।
आरोपों के बाद, अडानी समूह ने इन सभी आरोपों को निराधार बताते हुए खारिज कर दिया। समूह ने बयान जारी कर कहा कि अमेरिकी न्याय विभाग और प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग द्वारा लगाए गए आरोपों का कोई आधार नहीं है। समूह ने कहा कि आरोप केवल आरोप हैं, और जब तक दोष सिद्ध नहीं हो जाता, प्रतिवादी निर्दोष माना जाता है।
ब्लैक लॉ डिक्शनरी के अनुसार, इस प्रकार के आरोपों की पहले पुलिस जांच करती है, जिसके बाद अभियोजक को रिपोर्ट सौंपी जाती है। न्यूयॉर्क के कानून के तहत, किसी भी व्यक्ति पर मुकदमा तब तक नहीं चल सकता जब तक कि उसे ग्रैंड जूरी द्वारा दोषी न ठहराया जाए। फिलहाल, इस मामले में ऐसी कोई प्रक्रिया नहीं हुई है।