Google Success Story: आज, 4 सितंबर 2024 को, Google अपनी 26वीं वर्षगांठ मना रहा है। 1998 में इसी दिन Google की नींव एक गैराज से रखी गई थी। आज, यह सर्च इंजन दुनिया का सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला सर्च इंजन बन चुका है, जिसकी सर्च मार्केट में करीब 92% हिस्सेदारी है।
Google Inc. की स्थापना 4 सितंबर 1998 को लैरी पेज और सर्गेई ब्रिन ने की थी। सन माइक्रोसिस्टम्स के सह-संस्थापक एंडी बेचटोलशाइम ने इसमें $100,000 का निवेश किया था, जिससे यह कंपनी अपने पहले कदम बढ़ा सकी।
लैरी पेज का जन्म 26 मार्च 1973 को ईस्ट लैंसिंग, मिशिगन, अमेरिका में हुआ था। वे एक अमेरिकी कंप्यूटर वैज्ञानिक और उद्यमी हैं। लैरी और सर्गेई ब्रिन को ऑनलाइन सर्च इंजन के निर्माता के रूप में जाना जाता है।
सर्गेई ब्रिन का जन्म 21 अगस्त 1973 को मास्को, रूस में हुआ था। वे एक अमेरिकी व्यवसायी और कंप्यूटर वैज्ञानिक हैं। 1995 में, स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में पीएचडी करते समय, लैरी पेज और सर्गेई ब्रिन ने एक सर्च इंजन प्रोजेक्ट पर काम करना शुरू किया, जिसे 'बैकरब' नाम दिया गया। 1997 में, इस प्रोजेक्ट का नाम बदलकर Google कर दिया गया, जो गणितीय शब्द "गूगोल" पर आधारित है।
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1998 में, पेज और ब्रिन ने कैलिफोर्निया के मेनलो पार्क में एक गैराज में आधिकारिक तौर पर Google की स्थापना की।
बहुत कम लोग जानते हैं कि Google का नाम एक स्पेलिंग मिस्टेक का परिणाम है। दरअसल, इस सर्च इंजन का नाम पहले 'Googol' रखा जा रहा था, लेकिन गलती से 'Google' नाम रखा गया, जिसे बाद में कभी ठीक नहीं किया गया।
Google के इतिहास के अनुसार, पेज और ब्रिन ने 29 अप्रैल 2004 को Google के इनिशियल पब्लिक स्टॉक ऑफरिंग (IPO) के लिए अप्लाई किया, और अगस्त 2004 में कंपनी सार्वजनिक हो गई।
आज Google सिर्फ एक सर्च इंजन नहीं है, बल्कि यह अपने यूजर्स को जीमेल, फोटोज, मीट, ड्राइव, जेमिनी, डॉक्स, शीट्स, कैलेंडर, चैट्स, कॉन्टैक्ट्स जैसे कई प्लेटफॉर्म्स प्रदान करता है।
2015 में, Google ने अपनी कंपनी का नाम बदलकर 'अल्फाबेट' कर दिया था। इस कदम का उद्देश्य एंटीट्रस्ट उल्लंघन से बचना और कंपनी की सभी अधिग्रहण और सेवाओं को एक प्रौद्योगिकी समूह के रूप में एकीकृत करना था।
कंपनी के मौजूदा सीईओ सुंदर पिचाई हैं, जिन्होंने 24 अक्टूबर 2015 को Google के सीईओ का पदभार संभाला था। 3 दिसंबर 2019 से, सुंदर पिचाई की पहचान अल्फाबेट इंक के सीईओ के रूप में है। भारतीय मूल के सुंदर पिचाई का जन्म 10 जून 1972 को तमिलनाडु के मदुरै में हुआ था।
Gadchiroli News: गडचिरोली शहरात 29 ऑगस्ट रोजी एक गंभीर आर्थिक फसवणुकीची घटना उघडकीस आली आहे, ज्यामध्ये एका इसमाचे पैसे डबल करण्याचे आमिष दाखवून लाखो रुपयांची फसवणूक करण्यात आली आहे. या प्रकरणात गडचिरोली पोलीस ठाण्यात तक्रार दाखल करण्यात आली असून, आरोपीविरुद्ध गुन्हा नोंदविण्यात आला आहे.
गडचिरोली येथील डोमाजी डेकलुजी डोंगरे यांना आरोपी सतीश लहुजी येरगुडे, रा. तुकुम वार्ड, चंद्रपूर, याने पैसे डबल करण्याचे आमिष दाखवले. आरोपीने डोंगरे यांना सांगितले की, तीन लाख रुपयांचे मुदतीठेव म्हणून ठेवल्यास त्यांना सहा लाख रुपये मिळतील. तसेच, आरडीच्या 21 हप्त्यांमधून 42 हजार रुपये मिळतील असा दावा करून, एकूण 3 लाख 42 हजार रुपयांच्या फसवणुकीत त्यांना गोवले. मुदतीठेवीच्या व्याजासह, डोंगरे यांना 6 लाख 42 हजार रुपयांचे आमिष दाखवून आरोपीने त्यांची आर्थिक फसवणूक केली.
सदर घटना 31 ऑक्टोबर ते 15 फेब्रुवारी 2024 या काळात घडली. आपली फसवणूक झाल्याचे लक्षात आल्यानंतर डोंगरे यांनी 29 ऑगस्ट 2024 रोजी गडचिरोली पोलीस ठाण्यात तक्रार दाखल केली. तक्रारीच्या आधारावर पोलिसांनी आरोपी सतीश येरगुडे विरुद्ध गुन्हा नोंदवून तपास सुरू केला आहे.
या घटनेने शहरात खळबळ माजली आहे, आणि आणखी किती लोकांना अशाच प्रकारे फसवले गेले आहे, याचा शोध घेणे गडचिरोली पोलिसांसमोर मोठे आव्हान ठरणार आहे.
गडचिरोली पोलिसांकडून पुढील तपास सुरू आहे.
अशीच गडचिरोली जिल्ह्याच्या बातम्यांसाठी आमच्या WhatsApp ग्रुप ला जॉइन करा, ग्रुप जॉइन करण्यासाठी खालील WhatsApp बटन ला क्लिक करा.
Success Story: नीरजा सेठी, जिन्होंने एक समय रतन टाटा की कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) में काम किया था, आज 8395 करोड़ रुपये की संपत्ति की मालिक हैं. उनके जीवन की इस अद्भुत यात्रा को जानने से पहले, आइए समझते हैं कि कैसे उन्होंने इस सफलता की ऊँचाइयों तक पहुंचने का सफर तय किया.
नीरजा सेठी ने अपनी पेशेवर यात्रा की शुरुआत टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) में की थी. अपने पति के साथ मिलकर, नीरजा ने 1980 में सिर्फ 2,000 डॉलर (लगभग 1.6 लाख रुपये) के निवेश से सिंटेल (Syntel) नाम की एक आईटी कंपनी की स्थापना की। यह कंपनी आज वैश्विक आईटी क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण नाम बन चुकी है.
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नीरजा सेठी का जन्म और शिक्षा भारत में हुई. उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से गणित में स्नातक और ऑपरेशन रिसर्च में MBA किया। इसके बाद, उन्होंने ओकलैंड यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर साइंस में मास्टर डिग्री प्राप्त की. अमेरिका में TCS में काम करते समय उनके पति भरत देसाई से उनकी मुलाकात हुई, जिनके साथ मिलकर उन्होंने सिंटेल की शुरुआत की.
सिंटेल ने 2018 में फ्रांसीसी आईटी फर्म Atos SE के साथ एक बड़ा सौदा किया, जिसमें सिंटेल को 3.4 अरब डॉलर में खरीदा गया. इस सौदे में नीरजा को उनकी हिस्सेदारी के लिए लगभग 51 करोड़ डॉलर प्राप्त हुए. इसके बाद, नीरजा ने Atos में शामिल नहीं होने का निर्णय लिया और अपने परिवार के साथ समय बिताने लगीं.
नीरजा सेठी आज फ्लोरिडा के फिशर आइलैंड में रह रही हैं और अमेरिका की सबसे अमीर महिलाओं में शामिल हैं. उन्होंने फोर्ब्स की लिस्ट में कई बार अपनी जगह बनाई है और उनकी कहानी आज भी प्रेरणा का स्रोत है.
Success Story: तमिलनाडु के नमक्कल जिले के छोटे से गांव से आने वाली सुधा ने अपनी गरीबी से लड़ाई लड़ते हुए 'इनिया ऑर्गेनिक्स' नामक मसाला स्टार्टअप की शुरुआत की. मात्र 2,000 रुपये से शुरू किए गए इस व्यवसाय ने अब लाखों की कमाई शुरू कर दी है. इस सफर की शुरुआत सुधा ने अपनी बेटी के लिए स्वादिष्ट और पोषक खाना तैयार करने से की थी.
2011 में, सुधा अपने पति कुमार के साथ कोयम्बटूर चली गईं, जहां उन्होंने प्ले स्कूल में पढ़ाया. इस दौरान उन्होंने बच्चों के पोषण के महत्व को समझा और अपनी बेटी, जो खाने में बहुत चुनिंदा थी, के लिए विशेष मसालों का उपयोग करना शुरू किया. सुधा ने मोरिंगा और पुदीना पाउडर के साथ डोसा और इडली बनाकर उसे खिलाया, जिसे उनकी बेटी ने बहुत पसंद किया.
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सुधा ने अपने छोटे से नौकरी के दौरान बचाए गए 2,000 रुपये से मसालों का व्यवसाय शुरू किया. 2018 में, उन्होंने 'इनिया ऑर्गेनिक्स' को आधिकारिक रूप से रजिस्टर कराया और इसे पूरा समय दिया. सुधा ने स्थानीय किसानों से ताजे पालक, मोरिंगा के पत्ते, पुदीना और धनिया खरीदकर, उन्हें धूप में सुखाया और अपने विशेष नुस्खे के साथ मसाला पाउडर तैयार किया. धीरे-धीरे उनके उत्पादों की मांग बढ़ती गई और वे कोयम्बटूर के ऑर्गेनिक स्टोर्स में अपनी जगह बनाने लगीं.
सुधा ने अपने उत्पादों को और भी बेहतर बनाने के लिए तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय (TNAU) और अन्य संगठनों द्वारा आयोजित कक्षाओं में हिस्सा लिया. एक शुभचिंतक की मदद से सुधा ने 2 लाख रुपये का लोन लिया, जिससे उन्हें एक यूनिट स्थापित करने और आवश्यक उपकरण खरीदने में मदद मिली. उनके पति कुमार ने भी अपनी नौकरी छोड़कर सुधा के साथ काम करना शुरू किया.
आज 'इनिया ऑर्गेनिक्स' 500 से अधिक परिवारों को मसाला पाउडर सप्लाई कर रहा है और हर महीने 120 किलो से अधिक उत्पाद बेच रहा है. उनके मसाला पाउडर में सांबर, रसम, पालक पाउडर, इडली पोडी, और बिरयानी, चिकन, मटन, सूप पाउडर जैसे उत्पाद शामिल हैं. सूप पाउडर उनके सबसे अधिक बिकने वाले उत्पादों में से एक है.
World's Youngest Billionaires: दुनिया में कई नामी अरबपति हैं जिन्होंने अपनी मेहनत और लगन से अपार संपत्ति अर्जित की है, जैसे एलन मस्क, जेफ बेजोस, और मुकेश अंबानी. लेकिन आज हम उन युवा अरबपतियों की बात करेंगे जिन्होंने अपनी दौलत विरासत में पाई है. हाल ही में फोर्ब्स ने 35 साल से कम उम्र के टॉप 10 युवा अरबपतियों की सूची जारी की है. आइए जानते हैं कि ये युवा अरबपति कौन हैं और अपनी विरासत की दौलत का उपयोग कैसे करते हैं.
मार्क माटेशिट्ज, 31 साल के ऑस्ट्रियन अरबपति, के पास 39.6 बिलियन डॉलर (करीब 3.32 लाख करोड़ रुपये) की संपत्ति है। वह रेड बुल के को-फाउंडर डीट्रिच माटेशिट्ज के बेटे हैं. डीट्रिच के निधन के बाद, मार्क को कंपनी की 49% हिस्सेदारी विरासत में मिली.
आयरलैंड के 33 वर्षीय जॉन कॉलिसन ने अपने भाई के साथ मिलकर 2010 में Stripe नाम की कंपनी की स्थापना की. वह इस कंपनी के को-फाउंडर और प्रेसिडेंट हैं। उनकी संपत्ति 7.4 बिलियन डॉलर है.
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फिरोज मिस्त्री (27 साल) और जहान मिस्त्री (25 साल) टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री के बेटे हैं. उनके पास 5.1-5.1 बिलियन डॉलर की संपत्ति है, जो उन्हें अपने पिता से विरासत में मिली है.
निष्कर्ष:
इन युवा अरबपतियों ने अपनी विरासत में मिली दौलत का उपयोग समझदारी से किया है. वे न केवल अपने व्यक्तिगत शौक को पूरा करते हैं बल्कि अपने व्यवसाय में भी निवेश करके अपनी संपत्ति को बढ़ाते हैं. यह उनके दूरदर्शिता और रणनीतिक सोच का प्रमाण है.
स्टारबक्स द्वारा Brian Niccol को दिए गए पैकेज का अब खुलासा हो गया है। इस पैकेज में इतने जीरो हैं कि आप उन्हें गिनते गिनते बोर हो जाएंगे.
starbucks ने ब्रायन निकोल को नए Ceo of Starbucks के रूप में घोषित किया है जो लक्ष्मण नरसिम्हन की जगह लेंगे.
स्टारबक्स ने Ceo of starbucks ब्रायन निकोल के लिए एक बड़े पैकेज की घोषणा की है। कॉफी की दिग्गज कंपनी ने निकोल को 113 मिलियन (948 करोड़) का पैकेज ऑफर किया है।
50 वर्षीय Brian Niccol को पैकेज में 1 करोड़ डॉलर का साइनिंग बोनस और 7.5 करोड़ डॉलर की इक्विटी मिली। निकोल को वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए $2.3 मिलियन तक का अतिरिक्त वार्षिक अनुदान भी मिल सकता है।
रिपोर्ट के मुताबिक, Brian Niccol को सालाना 1.6 मिलियन डॉलर सैलरी दी जाती है। इसके अलावा 36 लाख से 72 लाख डॉलर तक परफॉर्मेंस बेस्ड इंसेंटिव भी मिल सकता है। वेतन और प्रोत्साहन उनके पैकेज का हिस्सा हैं।
हालाँकि, वार्षिक अनुदान उस पैकेज से अलग है। उनके प्रस्ताव पत्र में अद्वितीय आवास का भी उल्लेख किया गया है। वे starbucks के सिएटल मुख्यालय में स्थानांतरित नहीं होंगे। लेकिन वह आवश्यकता के अनुसार आने-जाने को तैयार हो गये हैं.
और क्या मिलेगा?
Starbucks कंपनी उनके लिए कैलिफोर्निया में एक छोटा सा ऑफिस खोलेगी. उन्हें निजी ड्राइवर के साथ एक कार भी दी जाएगी। कंपनी सिएटल में उन्हें उपलब्ध कराए जाने वाले आवास के लिए भुगतान करेगी। Brian Niccol ने खुद को हमारे उद्योग में सबसे प्रभावशाली उद्यमियों में से एक साबित किया है।
उन्होंने पिछले कुछ वर्षों में महत्वपूर्ण वित्तीय लाभ प्रदान किए हैं। स्टारबक्स के प्रवक्ता ने कहा कि Starbucks में उनका मुआवजा सीधे तौर पर कंपनी के प्रदर्शन और हमारे सभी हितधारकों की साझा सफलता से जुड़ा है।
Ceo Of Starbucks निकोल ने लक्ष्मण नरसिम्हन की जगह ली है. जिन्होंने 17 महीने तक स्टारबक्स का नेतृत्व किया. इस दौरान कंपनी के शेयर भाव में 23.9 फीसदी की गिरावट आई थी. जिससे कंपनी को 32 अरब डॉलर का नुकसान हुआ.
वर्तमान Ceo Of Starbucks निकोल की चिपोटल मैक्सिकन फास्ट फूड कंपनी ने बहुत अच्छा काम किया। उनके कार्यकाल के दौरान कंपनी के शेयर की कीमत में 800 प्रतिशत की वृद्धि हुई। इसके अलावा कंपनी को 7 गुना फायदा हुआ। इसलिए स्टारबक्स ने इस पैकेज में ब्रायन निकोल को काम पर रखा है।
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Success Story: क्या आप जानते हैं कि पुराने कपड़ों से गुड़िया बनाकर भी आप एक सफल व्यवसाय चला सकते हैं? सुनीता और सुहास रामेगौड़ा ने इस अनोखे विचार को सच कर दिखाया। उनके स्टार्टअप 'The Good Gift' ने पुराने कपड़ों का उपयोग करके गुड़िया बनाई और आज वे सालाना 75 लाख रुपये की कमाई कर रहे हैं. इस पहल ने न केवल पर्यावरण को बचाया है बल्कि आदिवासी महिलाओं को रोजगार भी प्रदान किया है.
सुनीता और सुहास ने पुराने कपड़ों से गुड़िया बनाकर लगभग 8000 किलोग्राम कपड़े को लैंडफिल में जाने से बचाया है. इन कपड़ों से बनाई गई गुड़िया न केवल सुंदर हैं बल्कि नीलगिरी के आदिवासी समुदाय की 200 से अधिक महिलाओं को रोजगार भी मिला है. ये महिलाएं अब हर महीने 8 से 10 हजार रुपये कमा रही हैं, जिससे उनके जीवन स्तर में सुधार हुआ है और वे अपने परिवार की बेहतर देखभाल कर पा रही हैं.
नीलगिरी में रहते हुए, सुहास ने देखा कि आदिवासी महिलाओं के पास स्थायी रोजगार की कमी थी। चाय की कटाई के अलावा उन्हें कोई अन्य नियमित काम नहीं मिल रहा था. इस समस्या का समाधान खोजने के लिए, उन्होंने 2019 में इंडियन यार्ड्स फाउंडेशन की स्थापना की, जिसका उद्देश्य था आदिवासी समुदायों की आर्थिक स्थिति को सुधारना. 2023 की शुरुआत में, उन्होंने 'The Good Gift' की शुरुआत की, जिसमें पुराने कपड़ों से गुड़िया बनाने का काम किया गया.
सिर्फ एक साल के भीतर, इस कपल ने अपने बिजनेस को B2B मॉडल में विस्तारित किया और चेन्नई, बेंगलुरु, गोवा, ऊटी जैसे शहरों में 60 से अधिक ऑफलाइन स्टोर्स खोले। आज, वे हर महीने 3000 से अधिक गुड़िया बेचते हैं, जिससे उनका वार्षिक रेवेन्यू 75 लाख रुपये तक पहुंच गया है. यह कहानी सिर्फ आर्थिक सफलता की नहीं बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव की भी है.
निष्कर्ष: सुनीता और सुहास की यह प्रेरणादायक कहानी दर्शाती है कि एक साधारण विचार भी समाज और पर्यावरण के लिए बड़ा बदलाव ला सकता है. उनके इस सफर ने न केवल पुराने कपड़ों का प्रभावी उपयोग किया, बल्कि कई महिलाओं के जीवन में भी सकारात्मक बदलाव लाया.
GIFT Nifty इन दिनों तेजी से चर्चा में है, खासकर निवेशकों के बीच। यह एक ऐसा प्लेटफार्म है जो गुजरात के GIFT सिटी में ट्रेड होने वाले डॉलर-मूल्यांकित फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट्स को दर्शाता है। गिफ्ट निफ्टी ने अंतर्राष्ट्रीय निवेशकों के लिए भारतीय बाजार में निवेश करने का एक सरल और प्रभावी तरीका पेश किया है।
1. गिफ्ट निफ्टी क्या है?
गिफ्ट निफ्टी, GIFT सिटी का हिस्सा है, जिसे भारतीय वित्तीय बाजार को वैश्विक निवेशकों के लिए अधिक सुलभ बनाने के लिए विकसित किया गया है। यह निफ्टी 50 इंडेक्स पर आधारित है और डॉलर में मूल्यांकित है, जिससे विदेशी निवेशकों को भारतीय बाजार में निवेश करना आसान हो जाता है।
2. GIFT सिटी: एक वैश्विक वित्तीय हब
GIFT सिटी (गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी) भारत का पहला अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय हब है। यहाँ कर में छूट, आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर, और वित्तीय सेवाओं के लिए विशेष नियम हैं, जो इसे निवेशकों के लिए आकर्षक बनाते हैं।
3. निवेशकों के लिए अवसर
गिफ्ट निफ्टी ने वैश्विक निवेशकों को भारतीय अर्थव्यवस्था में निवेश करने का एक सुरक्षित और संरचित अवसर प्रदान किया है। GIFT सिटी में ट्रेडिंग के माध्यम से, निवेशक भारतीय बाजार में हिस्सा ले सकते हैं और उच्च रिटर्न की उम्मीद कर सकते हैं।
4. गिफ्ट निफ्टी का मौजूदा प्रदर्शन
गिफ्ट निफ्टी के ट्रेडिंग वॉल्यूम में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इसके पीछे GIFT सिटी की लोकप्रियता और निवेशकों की सकारात्मक प्रतिक्रिया है। वित्तीय विशेषज्ञों का मानना है कि इसका भविष्य उज्ज्वल है और यह भारतीय बाजार में निवेश का एक महत्वपूर्ण उपकरण बन सकता है।
5. भविष्य की संभावनाएं
जैसे-जैसे GIFT सिटी का विकास जारी है, गिफ्ट निफ्टी का महत्व भी बढ़ता जाएगा। इसमें निवेश करने से निवेशकों को लाभकारी अवसर मिलेंगे, और यह भारतीय वित्तीय बाजार की वैश्विक पहचान को भी मजबूत करेगा।
6. विशेषज्ञों की राय
वित्तीय विशेषज्ञ गिफ्ट निफ्टी को एक महत्वपूर्ण नवाचार मानते हैं, जो भारतीय और वैश्विक बाजारों के बीच की दूरी को कम करता है। हालांकि, कुछ चुनौतियाँ भी हैं, जैसे वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताएँ और भारतीय बाजार की अस्थिरता।
निष्कर्ष: GIFT Nifty ने निवेशकों के लिए भारतीय बाजार में भाग लेने का एक आसान और सुरक्षित तरीका पेश किया है। GIFT सिटी के विकास के साथ, गिफ्ट निफ्टी का महत्व और भी बढ़ेगा, जो इसे निवेशकों के लिए एक आवश्यक विकल्प बना देगा।
Success Story in Hindi: बिहार के उद्यमी शशि भूषण तिवारी ने दिल्ली में सब्जी का व्यापार करने के बाद कोरोना महामारी के दौरान मुजफ्फरपुर में अपने गांव लौटकर मशरूम की खेती शुरू की. इस कठिन समय को उन्होंने एक सुनहरे अवसर में बदल दिया. आज, मशरूम की खेती से उनकी रोजाना 2 लाख रुपये की कमाई हो रही है. आइए, जानें कैसे शशि भूषण ने अपनी किस्मत बदली और सफलता की ऊँचाइयों तक पहुंचे.
शशि भूषण ने मशरूम की खेती की शुरुआत एक छोटे से कमरे में PUF पैनल और एयर कंडीशनर जैसी आधुनिक तकनीकों के साथ की। उनकी मेहनत और समर्पण ने उन्हें सफलता दिलाई. अब उनके पास मशरूम उत्पादन के लिए 20 कमरे हैं, जहाँ से रोजाना 1.7 से 1.8 टन मशरूम का उत्पादन होता है. इससे उन्हें रोजाना 2 लाख रुपये की कमाई होती है और मासिक मुनाफा लगभग 10 लाख रुपये होता है.
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शशि भूषण का व्यवसाय न केवल उनके परिवार के लिए आय का स्रोत है, बल्कि यह लगभग 100 ग्रामीण महिलाओं और पुरुषों को रोजगार भी प्रदान करता है. लागत कम करने के लिए, उन्होंने खुद मशरूम स्पॉन तैयार करना शुरू किया और एक मशरूम कैनिंग प्लांट भी स्थापित किया है.
शशि की पहल ने समाज में सकारात्मक बदलाव लाया है. बिहार में महिलाएं अक्सर घरों तक ही सीमित रहती हैं, लेकिन शशि ने महिला कर्मचारियों के लिए घर से लाने और ले जाने की सुविधा प्रदान की है. उन्होंने कई महिलाओं को मशरूम की खेती का प्रशिक्षण भी दिया है, जिससे कुछ महिलाएं अब घर पर अपनी छोटी इकाइयाँ चला रही हैं.
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शशि का मानना है कि मशरूम की खेती परिवार की आय बढ़ाने का एक बेहतरीन तरीका है. उनके बेटे ने हाल ही में डिब्बाबंद मशरूम ऑनलाइन बेचना शुरू किया है और अब उनकी योजना निर्यात की है. हालांकि, उन्होंने अभी तक विदेश यात्रा नहीं की है, यह उनकी अगली योजना हो सकती है.
धाराशिवः धाराशिवच्या ग्रामीण भागातील तेरमध्ये एका चहावाल्याने थेट बांधावरच्या चहाची भन्नाट आयडिया शोधून काढली आहे. एक कॉलवर थेट शेताच्या बांधावर चहा देण्याची ही सेवा पंचक्रोशीत नावाजली आहे. ग्रामीण भागात शेतावर चहा मिळणे दुरापास्तच, पण या चहामुळे अनेकांची तलफ थेट बांधावरच भागवली जात आहे. हा चहासुद्धा एकदम स्वस्त मिळतो. गरमागरम चहा ग्राहकांना अवघ्या ५ रुपयांत मिळतो.
धाराशिवच्या तेर येथील महादेव नाना माळी हे गेली २००४ पासून चहाचा व्यवसाय करतात, पण महादेव माळी यांनी हॉटेलात चहा विकणे ही संकल्पनाच बदलून टाकली आहे. तिसरी पास
असलेले महादेव माळी दिवसाकाठी दीड ते दोन हजार कप चहा फक्त फोनवर ऑर्डर घेऊन विक्री करतात. थेट शेतकऱ्यांच्या बांधावर चहा पोहचवतात. ऊन, वारा, पाऊस असला तरी ऑर्डर आल्यावर कशाची ही पर्वा न करता शेताच्या बांधावर जाऊन शेतकरी, मजूर, कामगार यांच्यापर्यंत माळी चहा पोहचवण्याचे काम करतात. तीन किलोमीटर परिसरात गरमागरम चहा ते देतात.
Wardha News: पैसे का लालच देकर ठगी के मामले नए नहीं हैं, लेकिन कई बार पढ़े-लिखे लोग भी इसके शिकार बन जाते हैं। वर्धा के आर्वी तालुका के वर्ध मनेरी गांव में रहने वाले डॉ. नीलेश राऊत और डॉ. प्रीति राऊत का वर्धा के कारला चौक में एक दंत चिकित्सालय है. इस दंपत्ति ने जल्दी अमीर बनने के चक्कर में ठगी का रास्ता अपनाया और कई लोगों को आर्थिक रूप से ठग लिया.
डॉ. राऊत दंपत्ति ने लोगों को निवेश पर दोगुना पैसा लौटाने का लालच देना शुरू किया। इसके लिए उन्होंने पंजाब, कोलकाता, मुंबई, ठाणे, वर्धा और अन्य शहरों में अपना जाल बिछाया. कई लोग उनके झांसे में आ गए, जिनमें उनके रिश्तेदार और अन्य लोग भी शामिल थे. इस मामले की शिकायत नागपुर की आर्थिक अपराध शाखा में दर्ज की गई. शाखा की टीम ने डॉ. प्रीति राऊत को गिरफ्तार कर लिया, जबकि उनके पति फरार हैं.
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दहिसर के विराज सुहास पाटिल इस घोटाले का मास्टरमाइंड है. वर्धा के सुरज सावरकर के साथ मिलकर पाटिल ने 'नाइन अकैडमी' नाम की कंपनी बनाई. वे लोगों को शेयर बाजार और क्रिप्टो करेंसी में निवेश का प्रशिक्षण देने का झांसा देते थे. एक बार लोग फंस जाते तो 5 से 15 प्रतिशत का रिटर्न देने का लालच दिया जाता. इसके लिए ऑनलाइन फॉरेक्स ट्रेडिंग में निवेश करने को कहा जाता था.
डॉ. प्रीति और डॉ. नीलेश ने भी वर्धा के होटलों में सेमिनार आयोजित किए और लोगों को बहकाया. मास्टरमाइंड विराज पाटिल पर कोलकाता ईडी ने केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया.
सावरकर की सलाह पर नागपुर के व्यापारी विक्रम बजाज ने निवेश किया, जिसके बाद कई और लोगों ने भी पैसा लगाया। आरोपियों ने निवेशकों से डमी कंपनी के बैंक खातों में पैसे जमा करने को कहा. शुरुआत में मुनाफा दिखाया गया, जिससे लोगों ने और ज्यादा पैसे निवेश किए. बाद में जब निवेशक पैसे निकालने गए तो उन्हें कुछ नहीं मिला. ठगी का एहसास होने पर बजाज ने पुलिस में शिकायत की.
इस ठगी की रकम करीब ढाई करोड़ रुपए बताई जा रही है. इस मामले में सुरेंद्र सावरकर, प्रियंका खन्ना जालंधर, पी. आर. ट्रेडर्स के प्रिन्सकुमार, एमआर ट्रेडर्स के राकेश कुमार सिंह, टीएम ट्रेडर्स के अमन ठाकुर, आरके ट्रेडर्स के राहुल कुमार अकेला, ठाणे की मिलन एंटरप्राइजेज और कोलकाता की ग्रीनवैली एग्रो के निदेशक आरोपी हैं. डॉ. प्रीति को गिरफ्तार कर पांच दिनों की पुलिस हिरासत में भेजा गया है.
Success Story In Hindi: दोस्तों बीना Beena Tamta की कहानी शुरू होती है उत्तराखंड के बागेश्वर के बोलना नाघेर गांव से, जहां लड़कियों के घर से बाहर निकलने पर सवाल उठाए जाते हैं. अपने सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने ना सिर्फ समाज से लड़ाई लड़ी, बल्कि आर्थिक तंगी का टाइम देखा। लेकिन आज पहाड़ की इस बेटी की एक पहचान बन चुकी है.
बरसात में पहाड़ी रास्ते कीचड़ से भरे होते हुए भी नीले कलर की एक स्कूटी लेकर बीना घर के बाहर आकर रुकती है. स्कूटी चला रही बीना अपना हेलमेट निकलती है और सीट के आगे रखा अपना बैग उठाकर घर का दरवाजा खटखटाती है. दरवाजा खुलता है बीना अपने बैग से कुछ सामान निकालकर देती है और बदले में मिले रुपए अपनी जेब में रखते हुए स्कूटी स्टार्ट कर के आगे निकल जाती है. सुबह 8 बजे से लेकर शाम के करीब 5-6 बजे तक हर दिन बीना का यही काम है. वो अपनी स्कूटी से पहाड़ के उन गांवों में रोज के जरूति के सामान की डिलीवरी करती है, जहां के रास्ते मुश्किलों से भरे हैं.
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सिर्फ 24-25 साल की 'स्कूटी वाली मार्केटिंग मैनेजर' इस लड़की का नाम है Beena Tamta. उत्तराखंड के बागेश्वर में बोलना नाघेर की रहने वाली बीना नेको साबित करके दिखाया है. Physics, Chemistry and Biology विषयों के साथ इंटरमीडिएट की पढ़ाई कर चुकीं बीना ने जब देखा कि पहाड़ों में कुछ इलाके ऐसे हैं, जहां कुछ जरुरी ऑनलाइन सामान नहीं पहुंचता, तो उन्हें अपने स्टार्टअप के लिए एक जबरदस्त आइडिया मिल गयी। बीना ने अपनी स्कूटी के जरिए इन इलाकों में सामान पहुंचाने की ठान ली.
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बीना के परिवार में माता-पिता के अलावा उनकी 3 बड़ी बहनें और 1 छोटा भाई है। तीनों बहनों की शादी लायक हो चुकी है और पिता खेती-बाड़ी करके अपना परिवार चलाते हैं। पढ़ाई में शुरू से ही तेज रहीं Beena Tamta का मन था कि 12वीं के बाद वो बी. फार्मा की डिग्री लें, लेकिन फीस बहुत ज्यादा थी और घर के हालात इतने ख़राब थे की उन्हें अपने मन को मारना पड़ा. कुछ दिन बाद Beena Tamta ने रुद्रपुर के सिडकुल में एक कंपनी में काम करना शुरू कर दिया. और उनके परिवार ने इसका विरोध किया और कहा कि वो नहीं चाहते कि उनकी बेटी काम के लिए घर से बाहर जाए.
हालांकि, Beena Tamta का मन अपना कुछ स्टार्टअप शुरू करने का था. वर्ष 2017 में उन्होंने online products पर काम करना शुरू किया. बीना ने उन इलाकों को जाना, जहां ऑनलाइन सामान नहीं पहुंच पाता था. अपने छोटे से बजट के साथ उन्होंने रोज लगने वाला सामान खरीदा और स्कूटी के जरिए उन इलाकों में उसे बेचना चालू कर किया। अपने स्टार्टअप को आगे ले जाने के लिए बीना ने WhatsApp के catalog feature का इस्तेमाल किया और उसके बाद उन्हें ऑर्डर मिलने लगे. सामान की डिलीवरी करते समय बीना हर दिन लगभग 150 किलोमीटर का सफर करती हैं. सुबह घर से निकलने के बाद उनका दुकान, ऑफिस और खाना खाने का ठिकाना. पहाड़ के रास्ते और उनकी स्कूटी ही है.
Beena Tamta के पास आज अपने कस्टमरों का एक मार्केट है, जो भरोसे के साथ उनसे सामान खरीदते हैं। हालांकि, उनकी इस कोशिश में बहुत सारी मुश्किलों सामना भी करना पड़ा न जाने कई बार उन्हें आस-पड़ोस के लोगों के ताने देते थे लोग उनके पिता से लोग कहते थे कि बेटी को इस तरह छूट देना ठीक नहीं. लेकिन बीना के पिता अपनी बेटी के फैसले में उसके साथ खड़े थे. सामान की डिलीवरी के साथ-साथ वो 'Beena Uk02 The Queen Of Marketing' नाम से अपना YouTube channel भी चलाती हैं। Beena Tamta चाहती हैं कि उनकी इस कोशिश को अगर सरकारी तौर पर मदद मिलती है तो वो पहाड़ की दूसरी महिलाओं को भी रोजगार दे सकती हैं। Beena Tamta का सपना है कि एक दिन उनकी अपनी एक website हो, जहां से वो बाहर के इलाकों में भी सामान की डिलीवरी कर सके.
Success Story: मुंबई की रहने वाली Cheenu Kala ने अपनी जिंदगी में काफी सारे उतार-चढ़ाव देखे हैं. वो Rubans Accessories की संस्थापक हैं. 2014 में उन्होंने Rubans Accessories कंपनी की नींव रखी थी। लेकिन, उसके जिंदगी में वो भी दिन आए जब चीनू घर-घर चाकू-छुरी बेचा करती थीं.
आज चीनू काला सफल बिजनेसवुमन Successful Businesswoman हैं. उनकी जिंदगी की कहानी संघर्ष और हौसले का जीता-जागता उदाहरण है. केवल 15 साल की उम्र में मुश्किलों का सामना करते हुए उन्होंने कुछ कपड़ों और 300 रुपये के साथ अपना घर छोड़ दिया था. कई रातें चीनू कालान रेलवे स्टेशन पर सोईं। लेकिन, कभी अपने सपनों से संजोता नहीं किया. जोचीनू काला कभी घर-घर जा कर चाकू-छुरी बेच रोज के 20-40 रुपये कमाती थीं, आज वो Rubans Accessories की मालकिन हैं। ये कंपनी करोड़ों की है। तो दोस्तों आइए, आज चीनू की सफलता के बारे में जानते हैं.
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चीनू का सफर तब शुरू हुआ जब उन्होंने सिर्फ 15 साल की उम्र में 10 कक्षा की पढ़ाई के दौरान घर छोड़ दिया था. केवल 300 रुपये और कपड़ों के एक बैग के ले कर निकलीं चीनू काला कई बार रेलवे स्टेशन पर सोया करती थीं. घर की समस्याओं के बावजूद उन्होंने अपना रास्ता बनाने की ठान रखी थी. चीनू काला ने कमाई के लिए छोटी शुरुआत की. घर-घर जाकर चाकू-छुरी और कोस्टर बेचा करती थी। इससे उनकी रोज की कमाई 20-40 रुपये हो जाती थी। लेकिन, उन्होंने हार नहीं मानी. और एक दिन उनकी मेहनत रंग लाई। 2014 में उन्होंने बेंगलुरु के एक छोटे से मॉल में 'Rubans Accessories' की शुरुआत की.
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चीनू काला की कड़ी मेहनत और लगन से Rubans Accessories ने सफलता हासिल की है. आज Rubans Accessories 40 करोड़ रुपये का कारोबार करती है। ये 10 लाख से ज्यादा Accessories बेच चुकी है.
इतनी सफलता के बाद भी चीनू काला आज भी जमीन से जुड़ी हुई हैं। वो अपने पति और बेटी के साथ बेंगलुरु में एक आलीशान घर में रहती हैं। BMW 5 Series car चलाने के भी वो आज भी 15-15 घंटे काम करती हैं. अपनी कंपनी Rubans Accessories को और आगे ले जाने के लिए समर्पित हैं.
चीनू काला का सपना है कि साल के अंत तक Rubans Indian fashion jewellery market. 25% प्रतिशद हिस्सेदारी हासिल कर ले. उनका लक्ष्य महत्वाकांक्षी है, लेकिन उनकी कहानी साबित करती है कि दृढ़ संकल्प और अटूट हौसले से दुनिया में कुछ भी हासिल किया जा सकता है.
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सोने की कीमत महीने की शुरुआत में सोने के बाजार में बड़ी हलचल देखने को मिली है। शनिवार को बाजार खुलते ही सोने की कीमतों में भारी गिरावट दर्ज की गई, जिससे उपभोक्ताओं को काफी राहत मिली। इस गिरावट से सोना और चांदी दोनों ही थोड़े सस्ते हो गए हैं। आइए आज इन बदलावों पर विस्तार से नजर डालते हैं।
सोने की कीमतों में मौजूदा ऊंचाई से करीब 55,000 रुपये की गिरावट आ चुकी है। यह खबर निश्चित रूप से उन ग्राहकों के लिए एक अच्छी खबर है जो सोना खरीदना चाहते हैं। ग्राहकों को आज अब तक के उच्चतम स्तर से सस्ते दाम पर सोना खरीदने का मौका मिलेगा।
महत्वपूर्ण बात यह है कि सोने की दरें अलग-अलग जिलों में अलग-अलग हो सकती हैं। इसलिए ग्राहकों को अपने जिले में नई दरों की जांच करनी चाहिए। स्थानीय बाजार में कीमतें जानने के लिए नजदीकी सर्राफा से जांच करना उचित होगा।
सोना खरीदते समय ध्यान रखने योग्य एक महत्वपूर्ण बात है। सुनार हमेशा पूछते हैं कि आपको 22 कैरेट सोना चाहिए या 24 कैरेट। उपभोक्ताओं को इस प्रश्न के महत्व को समझने की जरूरत है। 22 कैरेट सोना: यह 91.7% शुद्ध होता है और इसका उपयोग ज्यादातर आभूषण बनाने के लिए किया जाता है। 24 कैरेट सोना: यह 99.9% शुद्ध है, लेकिन आभूषणों के लिए इसका उपयोग कम होता है क्योंकि यह नरम होता है। उपभोक्ताओं को अपनी जरूरत के हिसाब से सही कैरेट सोने का चयन करना चाहिए।
मौजूदा कीमत में गिरावट का फायदा उठाते हुए, कई उपभोक्ता सोना खरीदने के लिए बाजार की ओर दौड़ रहे हैं। हालांकि, जानकारों के मुताबिक सोने की कीमत में अभी और गिरावट आने की संभावना है। इसलिए ग्राहकों को बिना जल्दबाजी किए बाजार के उतार-चढ़ाव को देखकर फैसला लेना चाहिए।
सोने की कीमतों में इस गिरावट के साथ-साथ, कुछ अन्य महत्वपूर्ण आर्थिक ख़बरें भी हैं जिन पर नज़र रखनी चाहिए:
1) घरेलू गैस सिलेंडर की कीमतें कम हो गई हैं और नई दरों की घोषणा कर दी गई है।
2) बैंकों ने सेविंग बैंक अकाउंट के नियमों में बदलाव किया है और नए नियम आज से लागू हो गए हैं।
3) कुछ राज्यों ने लड़कियों को मुफ्त स्कूटी देने की योजना की घोषणा की है।
4) शासन की विभिन्न योजनाओं के तहत हितग्राहियों के खाते में राशि जमा की जा रही है।
सोने की कीमतों में यह गिरावट उपभोक्ताओं के लिए फायदेमंद हो सकती है। हालांकि, खरीदारी से पहले स्थानीय बाजार दरों, सोने की शुद्धता और भविष्य में संभावित उतार-चढ़ाव पर विचार करना महत्वपूर्ण है। साथ ही अन्य वित्तीय निर्णय लेते समय वर्तमान बदलती स्थिति पर भी विचार करना चाहिए। अंत में, कोई भी वित्तीय निर्णय लेते समय यह सुनिश्चित करना चाहिए कि यह लंबे समय में फायदेमंद होगा।
YTM business plan in hindi: दोस्तों, आज मैं आपको एक ऐसी इंडस्ट्री के बारे में बताने जा रहा हूं जिसने पिछले दो सालों में भारत में धूम मचा दी है। इस कंपनी का नाम है YTM (याशीका ट्रेडिंग एंड मार्केटिंग)। यह कंपनी लगभग दो सालों से पूरे भारत में तेजी से बढ़ रही है और इसका सबसे बड़ा कारण है YTM के प्रोडक्ट्स। आइए जानते है इस ब्लॉग में YTM business plan के बारे में. इस ब्लॉग पोस्ट को अलॉट तक पढ़िए क्योकि लास्ट में ytm business plan pdf को डाउनलोड करने का ऑप्शन मिलेगा
YTM कंपनी की शुरुआत 30 नवंबर 2015 को रायपुर, छत्तीसगढ़ से हुई थी। कंपनी के सीएमडी मिस्टर कमल नारायण साहू हैं और कंपनी के फाउंडर लीडर मिस्टर मुकुंद चतुर्वेदी हैं। प्रोडक्ट कैटिगरी की बात करें तो कंपनी हेल्थ केयर और ब्यूटी केयर प्रोडक्ट्स पर कार्य करती है.
YTM में इनकम करने के लिए सबसे पहले आपको एक स्पॉन्सर के साथ अपने आप को डिस्ट्रीब्यूटर के रूप में रजिस्टर करना होगा। इसके बाद अपनी आईडी को एक्टिवेट करने के लिए चार एक्टिवेशन पैकेज में से किसी एक का चुनाव करके अपनी आईडी ग्रीन कर लीजिए. आइए जानते हैं एक्टिवेशन पैकेज के बारे में.
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